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भजु राधे कृष्णा गोकुल में अबध-बिहारी / विद्यापति

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भजु राधे कृष्णा गोकुल में अबध-बिहारी
द्वापर में रही जनम लीये हैं त्रेता कंस पछारी
पाँव धुबति आहिल्या तर गयी कुबाजापति गिरधारी
भजु राधे कृष्ण…..
कहाँ रामके धनुष बीराजे कहाँ मटुक सीर भारी
कोन भाग में सीता बीराजे कहाँ राधा प्यारी
भजु राधे कृष्ण…..
इहाँ रामके धनुष बीराजे वहाँ मटुक बड़ भारी
बामा भागमें सीता बीराजे दहिना राधा प्यारी
भजु राधे कृष्णम गोकुल में अबध-बिहारी
घघन क्रोटि मेघ बरिसन लागे रक्षा करु गिरधारी
एकहुँ बुन्द नहिं पड़य मथुरा में
इन्द्र बैसल हीय हारी
भजु राधे कृष्ण…..
सूतल देबकी सूतन सुत-नन्दन रक्षा करु गिरधारी
उग्रसेन के राज दियो हैं काल कंस के मारी
भजु राधे कृष्ण…..
कहाँ के हरी दधी बेयतु हैं कहाँ के ब्रजनारी
लुटि-लुटि कहै कृष्ण कन्हाई अब जुनि करीय उघारी
भजु राधे कृष्ण…..
रावन मारि राम गृह आजोल
कृष्ण कहे धनबाजि
भजु राधे कृष्ण गोकुल में अवध बिहारी