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भांत-भांत रा बादळ / लक्ष्मीनारायण रंगा
Kavita Kosh से
चौमासै
आपरी
असमाणी दुकान मांय
खोल नाख्या है
रंग रंगीला
जाळीदार
कपड़ां रा
थान रा थान