भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
भाग्य का पत्थर / ओम व्यास
Kavita Kosh से
वो कहते हैं
कि, भाग्य पर पत्थर
पड़े हैं
मेरा सवाल है
अंगुली लेकर पत्थर
कि दुकान पर क्यों
खड़े हैं?