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भूल हम पाते नहीं / रमा द्विवेदी

याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं।
लम्हा-लम्हा जीते हैं,साहिल को हम पाते नहीं॥

टूट न जाए कहीं यह सांसों का है सिलसिला ।
लड रहे हैं ज़िन्दगी से मर भी हम पाते नहीं..
याद करते हैं तुम्हे,बस भूल हम पाते नहीं॥

मन मेरा बोझिल तमन्नाओं की ख्वाहिश में यहां
दिल को समझाया बहुत,बस भूल हम पाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥

राहों में तुम जब मिले दिल में मेरे कुछ-कुछ हुआ।
जाने क्या हो जाता है,हम बात कर पाते नहीं..
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥

ज़िन्दगी जी लेंगे यूं ही तेरी चाहत के सहारे।
प्यार के कुछ पल तुम्हारे,भूल हम पाते नहीं....
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥

तुम मिलो या न मिलो,तेरी याद मेरे दिल में है ।
दिल मेरा बेचैन है क्यों आके बहलाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥

तेरी आंखों में भी हमने प्यार का समन्दर।
कौन सा वो राज़ है जो हमको बतलाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हे,बस भूल हम पाते नहीं॥

क्या करें?कैसे करें?तेरे प्यार से शिकवा सनम।
दिल ने है सोचा बहुत पर कुछ भी कह पाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥

तुमको चाहा,तुमको पूजा,क्या खता हमसे हुई?
ऐसा मेरा प्यार है,भगवान भी पाते नहीं...
याद करते हैं तुम्हें,बस भूल हम पाते नहीं॥