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भेद / अरुण हरलीवाल
Kavita Kosh से
हाँ,
फरक तो जरूर हे...
हमरा-तोरा में।
तूँ हरेक अउरत के भीतर
ढूँढ ऽ हऽ कोय बेस्या
अउ हम
कोय बेस्यो के भीतर
ढँूढऽ ही एगो अउरत।
हम
हरेक अउरत के भीतर ढूँढ़ऽ ही
कोय इंसान,
अउ ढूँढ़ऽ ही हम
कि सामनेवाला इंसान के भीतर
केतना हम ही
अउ हमरा भीतर
केतना हे ऊ।