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भेद / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
परम्परावां सूं
बिंधीज्योड़ा आपां
बेटै अर बेटी में
भेद
कदी तो मिटास्यां
म्हूं अडीकूं
उण दिन नै
जिण दिन
बेटी ब्याह र
ल्यासी जंवाई
घरां
जंवाई
संभाळसी घर नै
अर अडीक सी
सिंझ्या नै
दुराजै बिचाळै खड्या
आपरी जोड़ायत नै।