भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मनचाहे सपनों को / अश्वघोष

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

  मनचाहे सपनों को
कोख में दबा
बंजारे दिन
हो गए हवा

नयनों के गेह से
गूँगा विश्वास
सहमा-सा देख रहा
अनुभव की प्यास
तन-मन में ेमी हुई
नींद की दवा

सूली पर लटके-से
लगते हैं दिन
चिड़ियों-सी उड़ जातीं
रातें दुल्हिन
सड़कों पर बिखरा है
मौन का रवा
हो गए हवा ।