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मनोॅ के बात / अवधेश कुमार जायसवाल
Kavita Kosh से
केकरा कहियै मनोॅ के बात
जेकरा पुजलौं देवता सन हम्में
हुनिए देलकै एक आघात।
बचपन जिनकर गोदी खेलवौ,
जेहे कहलकै, वैसनै करलौं
हुनिये देलकोॅ छै बिसराय
कहतें-कहतें मनोॅ गेलोॅ लजाय।
आँखोॅ में लोर दिलोॅ में चोट।
बिन जल मछली लोटमपोट।
माइयोॅ मरलै, बापोॅ मरलै
तैय्योॅ ऐहनोॅ लोर न बहलै।
आय लागै छै, भेलोॅ अनाथ
पीर सुनोॅ हे भोलानाथ।
जाय केॅ हुनका दिहोॅ बताय
हुनके खातिर मरबै हहाय।
तैय्योॅ कहबै हुनकै ईश्वर
सर पटकै छी हम्में पत्थर पर।