भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मांगू रे बहिनों कोने फल मांगब / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मांगू रे बहिनों कोने फल मांगब
आजुक मांगल सभ पायब गे दैया
अगिला हर के हरबाहा मांगब
पछिला हर के बरदबा हो भैया
घर निपन के चेरिया हम मांगब
आओरो मांगब खबसबा हो भैया
दूध पिऐ के गैया मांगब
आओरो मे मांगब कटोरबा हो भैया
पिया चढ़न के घोड़ा मांगब
आओरो मे मांगब महिसबा हो भैया
बाहर लुटै भाट-पमरिया, घर लुटै ननदिया
ई हम जनितौं ननदी अयती
केदली वन जाय बिअइतौं गे दैया