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मिज़ाज बदल जायेगा / शक्ति बारैठ
Kavita Kosh से
मेरा कल बदले ना बदले, तेरा आज बदल जायेगा
बदल कर देख आइना, ये मिज़ाज बदल जायेगा
ये मौसम ये बहार ये शहर के बाशिन्दे भी हंस पड़ेंगे
हया के बादल हटा, हम दरिंदो का साज बदल जायेगा
तेरे बाद बहुत आएंगे पता पूछने मेरा, कहाँ रहता है
कहना चाँद पर गया, आशिकी का परवाज बदल जायेगा
इस हिन्द उस पाक के रहनुमा गजब हंसते है, सुना है
मुझे मौका दे कर देख़, हँसने का अंदाज बदल जायेगा
बस गुनगुनाता हूं मैं गाता नहीं हूं, मगर वो चीखा क्यों
मुसकरा मत, ये बेबसी में चीखने का राज बदल जायेगा
और जहाँ ये दुनियां खत्म हो, जा वहाँ जाकर छुप जा
फ़ैसला दिल से करता हूँ, आज का आज बदल जायेगा
ऐ मेरे हमनफस, ज़रा दूर से मिला कर मुझसे,
अकेला रहता हूँ, तेरा तो कोई भी हमराज बदल जायेगा।