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मिलता है सच्चा सुख / तेज प्रसाद खेदू

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मिलता है सच्चा सुख केवल हमको तो हिन्दी वाणी से,
हमको तो हिन्दी वाणी से।
हर जगह ध्वज लहराता है, त्याग का पाठ गीता पढ़ाता है
आनन्द बहुत ही आता है, हमको तो हिन्दी वाणी से
हमें श्रेष्ठ संगठन करना है, निज ध्येय-मार्ग बढ़ाना है
मिलकर सब ही से चलना है, हमको तो हिन्दी वाणी से

सब देश भक्त इससे बन जाएँगे, सूरीनाम को सुखी बनाएँगे
इस देश के वीर बनना है, हमको तो हिन्दी वाणी से
यह सूरीनाम देश हमारा है, हमें प्राणों से प्यारा है
इस देश में जीवन सफल बनाना है, हमको तो हिन्दी वाणी से

गैरों ने हमको ललकारा है, अब संगठन ही एक सहारा है
हर एक को हमें जगाना है, हमको तो हिन्दी वाणी से
साहित्यकारों का सन्देश यही है, मेरा भी उपदेश यही है
बस इस देश में हिम्मत से आगे बढ़ना है, हमको तो हिन्दी वाणी से

यह हिन्दी भाषा कई भाषाओं का मेल है, आपस में प्रेम करता है
श्रद्धा और प्रेम बढ़ाना है, हमको तो हिन्दी वाणी से
हम आपसी तनाव को मिटाएँगे, सभी भेदों को दूर भगाएँगे
संगठन मजबूत बनाना है, हमको तो अपनी हिन्दी वाणी से।