मुझको प्यार न करो, ड़रो!
जो मैं था अब रहा कहाँ हूँ,
प्रेत बना निज घूम रहा हूँ,
बाहर से ही देख न आँखों पर विश्वास करो!
मुझको प्यार न करो, ड़रो!
मुर्दे साथ चुके सो मेरे,
देकर जड़ बाहों के फेरे,
अपने बाहु पाश में मुझको सोच-विचार भरो!
मुझको प्यार न करो ड़रो!
जीवन के सुख-सपने लेकर,
तुम आओगी मेरे पथ पर,
है मालूम कहूँगा क्या मैं, मेरे साथ मरो
मुझको प्यार न करो ड़रो!