भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुझे पानी को जाने दो / हरियाणवी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुझे पानी को जाने दो
सास पै मटकी ननद पै करुवा
हमने लिया है गिलास, गिलास
मुझे पानी को जाने दो
फूट गई मटकी तिड़क गया करुआ
मजे उड़ावे गिलास, गिलास
मुझे पानी को जाने दो
सास लिया लड्डू ननद लिया पेड़ा
हम ने लिया है अनार, अनार
मुझे पानी को जाने दो
फूट गया लड्डू बिखर गया पेड़ा
मजे उड़ावे अनार, अनार
मुझे पानी को जाने दो
सास लिया बुड्ढा ननद लिया बालक
हमने लिया हे गंवार, गंवार
मुझे पानी को जाने दो
रूस गया बुड्ढा, भग गया बालक
कहने में चलता गंवार, गंवार
मुझे पानी को जाने दो