भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरा भारत / सोना श्री
Kavita Kosh से
मेरा भारत, सितारों सा चमकता है, दमकता है!
नहीं हिन्दू, नहीं मुस्लिम सभी के दिल में बसता है !
जहाँ की पाक मिट्टी से अमन की खुशबू आती है,
जहाँ आजाद हर चिड़िया सुरीला गीत गाती है,
जहाँ समता-सरसता से हर इक उत्सव निखरता है!
जहाँ नर में प्रभु श्री राम औ नारी में सीता है,
जहाँ गुरुग्रंथ वाणी है जहाँ पर ज्ञान गीता है,
'सदा ही सत्य जीता है', अटल विश्वास कहता है
हिमालय कर रहा जिस देश की सरहद की रखवाली,
जहाँ सैनिक चढ़ाते है वतन पर रक्त की लाली,
जहाँ बलिदान सौरभ से चतुर्दिक ही महकता है!