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मेरी कैप / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
मम्मी के बुँदे सुंदर हैं,
पापा की टाई अच्छी।
मेरी कैप निराली सबसे,
कहता हूँ सच्ची-सच्ची।
पहने अपनी कैप पार्क में,
क्रिकेट खेलने जाता जब।
सचिन आ गया, सचिन आ गया!
शोर मचाते बच्चे सब।