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मेरी राहों के / ऐतबार साज़िद
Kavita Kosh से
मेरी राहों के
जो जुगनू हैं
वो तेरे हैं
तेरी आँखों के
जो अँधेरे हैं
वो मेरे है
छू सकता नहीं
कोई गम तुझको
क्यूंकि
तुझ पर दुआओं के जो
पहरे हैं
वो मेरे हैं