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मेरे टुरने दी होई त्यारी / बुल्ले शाह
Kavita Kosh से
तुसीं आओ मिलो मेरी प्यारी।
मेरे टुरने दी होई त्यारी।
सभे रल के टोरन आइआँ,
आइआँ फुफ्फिआँ चाचिआँ ताइआँ,
सुभ्भे रोंदिआँ जारो जारी<ref>ऊँची-ऊँची</ref>
मेरे टुरने दी होई त्यारी।
सभे आखण एह गल जाणी,
रव्हीं तूँ हर दम हो निमाणी,
ताहीं लग्गेंगी ओत्थे प्यारी।
मेरे टुरने दी होई त्यारी।
सभे टोर<ref>विदा करके</ref> घराँ नूँ मुड़िआँ,
मैं हो इक इक्कलड़ी टुरिआँ,
होइआँ डारों मैं कूंज न्यारी।
मेरे टुरने दी होई त्यारी।
बुल्ला सहु मेरे घर आवे,
मैं कुच्चजी नूँ लै गल लावे,
इक्को सहु दी ए बात न्यारी।
मेरे टुरने दी होई त्यारी।
शब्दार्थ
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