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मेहा बरसे / फुलवारी / रंजना वर्मा

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झिमिर झिमिर मेहा बरसे।
पप्पू जी निकले घर से॥
फिसला पाँव गिरे नीचे।
छाता तुरत उड़ा सर से॥
रोये तब पप्पू राजा।
मम्मी बोली घर आजा॥
कपड़े बदलूँगी तेरे।
और दिला दूँगी बाजा॥