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मैं और क्लास / ऋतु त्यागी
Kavita Kosh से
मैं क्लास में सबसे पीछे की
सीट पर बैठकर
ब्लैकबोर्ड पर गढ़ता हूँ अपना भविष्य
बस्ते से सरकाता हूँ क़िताब
कि अचानक
मेरे बगल में लगी खिड़की से
झाँकता है इतिहास
और मेरी क़िताब के अक्षर
दोहराये जाने के डर से
दरवाज़े से दबे पाँव निकल जाते हैं।