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मैं कवि हूँ / अखिलेश्वर पांडेय

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मैं कवि हूँ...
इसीलिए जानता हूँ
घाव कितना गहरा होता है

मैं कवि हूँ...
इसीलिए मानता हूँ
मुस्कान भले नकली हो
संवेदनाएं हमेशा असली होती हैं
इसी से सच्ची बात बोलता हूँ
झूठी मुस्कान नहीं बेचता