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मैं कैसा लगता हूं / विष्णुचन्द्र शर्मा
Kavita Kosh से
-कौन स्टेशन है।
-रुको, ज़रा पूछ लूँ!
कोई चरपरी चीज़ चख लूँ!
भाषा का एक शब्द दिल में उतार लूँ!
लदे-फंदे यात्रियों से पूछ लूँ
‘कितना ताप सहोगे?’
रुको, ज़रा अपने देशवासी से
पूछ लूँ, ‘मैं कैसा लगता हूँ।’