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मैं क्या कहूँ / उर्मिल सत्यभूषण
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मैं क्या कहूँ
पूज्य या प्रिय
मेरे लिये
तुम्हारा दृष्टिदान
मैंने लिया
तुम्हारा नेह रस
मैंने पिया
कि मैं आज
भी मद में बहूँ
मैं क्या कहूँ
पूज्य या प्रिय
कैसे कहूँ?