भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मैडम / बालस्वरूप राही

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैडम तो है सीधी-सादी
लेकिन बच्चे नटखट हैं।

बड़े प्यार के साथ पड़ाती,
सब को खेल खिलाती हैं।

खेल-खेल में तरह-तरह की,
बातें हमें सिखाती हैं।

पकड़-पकड़ कर बिठलाती जब,
बच्चे करते खट-पट हैं।

मैडम तो हैं सीडी-सादी,
लेकिन बच्चे नटखट हैं।