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मै बार-बार बगिया न जैहो ननदी / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मैं बार-बार बगिया न जैहों ननदी।
वा बगिया में मेरे ससुरा को डेरा,
मैं बार-बार परदा न करहौं ननदी। मैं...
वा बगिया में मेरे जेठा को डेरा,
मैं बार-बार घुुंघटा न डरिहौं ननदी। मैं...
वा बगिया में मेरे देवर का डेरा,
मैं बार-बार ररियां न करिहौं ननदी। मैं...
वा बगिया में मोरे ननदेऊ का डेरा,
मैं बार-बार सैनें न करिहौं ननदी। मैं...