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मोरे पिछुअरवा बदरिया बेदली गाछ / भोजपुरी

मोरे पिछुअरवा बदरिया बेदली गाछ,
शीतल ना, आरी हो लहरि-लहरि करे डाढ़ त नीदि नाहीं आवेला ना।।१।।
कटिबों बेइलिया के पेड़वा, त हरि पलँगा सलाई देबों ना,
त औरी हो, ताही पर सूते मोरे साहब, त बेनिया डोलाइब ना।।२।।
उठु-उठु लहुरी ननदिया, सामी के जगा देहु ना,
आरी हो, पाँच चोर घरवा घूसेला, दियना बुता गइले ना।।३।।
सासु मोरा सूतले अटरिया, ननदी गज ऊपर हो ना
सइयाँ मोरा सूतलो अगम घरवा, कइसे के जगाइब ना।।४।।