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मोर्चा / संगीता गुप्ता

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मोर्चा
छोटा हो
या
बड़ा
जूझना पड़ता है
कभी थम कर
कभी बढ़ कर
हार हो
या
जीत
जिन्दगी की नियति है युद्ध

इस युद्ध में
हर कोई होता है अकेला