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यह ऐसा समय है / नीलाभ
Kavita Kosh से
यह ऐसा समय है
जब बड़े-से-बड़े सच के बारे में
बड़े-से-बड़ा झूठ बोलना सम्भव है
सम्भव है अपने हक़ की माँग बुलन्द करने वालों को
देश और जनता से द्रोह करने वाले क़रार देना
सम्भव है
विदेशी लुटेरों के सामने घुटने टेकने वाले प्रधान को
सन्त और साधु बताना
यह ऐसा समय है
जब प्रेम करने वाले मारे जाते हैं
पशुओं से भी बदतर तरीके से
इज़्ज़त के नाम पर
जब बेटे की लाश को
सूखी आँखों से देखती हुई माँ
कहती है
ठीक हुआ यह इसके साथ