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यह रास्ता / मारिन सोरस्क्यू / मणि मोहन मेहता
Kavita Kosh से
मन में कुछ विचार करते हुए
हाथों को पीछे बाँधे
मैं चलता हूँ रेल की पटरियों के बीचोंबीच
एकदम सीधे रास्ते पर
पूरी गति के साथ
ठीक मेरे पीछे
आती है ट्रेन
जिसे कुछ भी नहीं पता मेरे बारे में
यह ट्रेन
कभी नहीं पहुँच पाएगी मुझ तक
क्योंकि मैं हमेशा थोड़ा आगे रहूँगा
उन चीज़ों से
जो सोचती नहीं हैं
फिर भी
यदि यह पूरी निर्दयता के साथ
गुज़र जाती है मेरे ऊपर से
तब भी
रहेगा कोई न कोई हमेशा
अपने ज़ेहन में ढेर चीज़ें लिए
हाथ पीछे बाँधे
इसके आगे चलने को तैयार
मेरे जैसा कोई
हर वक़्त
जबकि यह काला दैत्य
भयानक गति से करीब आ रहा है
पर कभी भी
पकड़ नहीं पाएगा मुझे।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मणि मोहन मेहता’