Last modified on 6 मई 2019, at 23:52

याद तुम्हारी / कविता कानन / रंजना वर्मा

याद तुम्हारी
बसी हुई
अंतस्तल में
सदा कचोटती
दिखाती रहती
नेत्रों के सम्मुख
अतीत की झलकियाँ
साकार हो जाते
बीते हुए
सारे पल छिन ।
करूँ फ़रियाद
आती रहे
अनवरत
तुम्हारी याद
देते रहे
जीवन सम्बल
मधुभीने
गुजरे पल ।