रघुपति राघव राजा राम / अमरेन्द्र
रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम
के देशोॅ में सब सें कोढ़ी, पट्टा पर मोटका रँ लोढ़ी
के आपनोॅ आराम करै के लोगोॅ सेॅ मांगै छै दाम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।
सब सें कोढ़ी धनपति-धनजन, कोय नै विषहर; विषधर गेहूअन
की मतलब लोगोॅ के दुख सें डन्सै के हिनका एक काम।
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।
के भोरे सें शाम खटै छै, के धरती के पहलें फटै छै
केकरोॅ खून नदी के पानी, खेत पीयै छै केकरोॅ घाम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।
मोॅर मजूरा खेत खटै छै, की मुट्ठी भर अन्न जुटै छै ?
नमक जुटेतैं मरै मजूर, नमक पचाबै नमकहराम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।
के देशोॅ मेॅ राज करै छै, के शासन के घांस चरै छै
के छुच्छे हिन्नें सेॅ हुन्नें दौड़ लगावै बिना लगाम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम।
कुछ दादा के राज चलै छै, साधू के की दाल गलै छै
कोमा सेॅ सब काम निकालै, के पूछै छै पूर्ण विराम
रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम ।