भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने / अंगिका लोकगीत

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

राजा जनक की कठिन प्रन ठाने
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई

देस-विदेस में नेवता पठाए
देस-विदेस में नेवता पठाए
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई

देस-विदेस से भूप सब आए
देस-विदेस से भूप सब अए
कोइयो नहीं धनुसा हिलाबै गे माई
कोइयो नहीं धनुसा हिलाबै गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई

लंका के राजा रावन आए
लंका के राजा राव आए
सेइयो नहीं धनुसा उठाबै गे माई
सेइयो नहीं धनुसा उठाबै गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई

विस्वामित्र संग रामचंद्र आए
विस्वामित्र संग रामचंद्र आए
खंड-खंड होएलै धुनसिया गे माई
खंड-खंड होएलै धुनसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई

राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
खंड-खंड होएलै धनुसिया गे माई