राम रस पीवत पीर गई।
बलहारों सतगुरु चरनन की गत मत ठान ठई।
पूरन पद परगास रैन दिन उर आनंद छई।
सकल सोच भ्रम दूर गमायो दुबदा दूर भई।
जूड़ीराम एक मत डोली भगत अटूट लई।
राम रस पीवत पीर गई।
बलहारों सतगुरु चरनन की गत मत ठान ठई।
पूरन पद परगास रैन दिन उर आनंद छई।
सकल सोच भ्रम दूर गमायो दुबदा दूर भई।
जूड़ीराम एक मत डोली भगत अटूट लई।