रिश्ता निर्धन और धनी में
कैसे होगा तनातनी में
जाने कैसे लोग पुराने
जीते थे कम आमदनी में
देखो कब तक इस दहेज से
दुल्हन मरेंगी आगज़नी में
दौलत कितनी भी हो लेकिन
बड़ी आह है महाजनी में
वह क्या रहबर होगा जिसका
बचपन गुज़रा राहज़नी में
ख़ुद को लूटो तब हम समझें
माहिर हो तुम नक़बज़नी में
एक अजब सा सुख मिलता है
अपने घर की बालकनी में
काँटे ही मत देखो उसमें
गुण भी कुछ हैं नागफनी में