रौवे मतना प्रेम कौर मैं तावल करकै आ ल्यूंगा।।
थोड़े दिन की बात से प्यारी फौज मैं तनै बुला ल्यूंगा।।
भेज्या करिये खबर बरोणे की, जरूरत नहीं तनै इब रोेणे की
सोचिये मतना जिन्दगी खोणे की, ना मैं भी फांसी खा ल्यूंगा।।
जिले रोहतक मैं खरखोदा सै, बरोणा गाम एक पौधा सै
फौजी ना इतना बोदा सै, घर का बोझ उठा ल्यूंगा।।
बीर मरद की रखैल नहीं सै, बराबरी बिन मेल नहीं सै
हो आच्छी धक्का पेल नहीं सै, मैं बाबू नै समझा ल्यूंगा।।
मेहनत करकै खाणा चाहिये, फिरंगी मार भजाणा चाहिये
रणबीर सुर मैं गाणा चाहिये, ध्यान देश पै ला ल्यूंगा।।