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लग गया है निशान टूटेगी / अशोक अंजुम
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लग गया है निशान टूटेगी
बेटा तेरी दुकान टूटेगी
रोड छः लेन का बनेगा अब
लाखों पेड़ों की जान टूटेगी
आग सूरज उगलने वाला है
पंछियों की उड़ान टूटेगी
हक़ की खातिर यूं उछलकूद न कर
जड़ से तेरी जुबान टूटेगी
बज्म कौवों से भर गई सारी
यार, कोयल की तान टूटेगी
तू जो मिल जाएगी मुझे घर पे
तब ही मेरी थकान टूटेगी