आसमान में
उड़ती पतंगों को
निहार रही है
छत पर खड़ी
गुडिय़ा-सी बिटिया।
दिख गया उसे
आसमान चीरता
एक हवाई जहाज।
बोली-
पापा,
हवाई जहाज ला दो ना!
विस्फारित नेत्रों
पढ़ा पिता ने
बेटी का चेहरा
और मुस्कराए।
बेटी ने गड़ा दीं आंखें
पिता की आंखों में,
ला दो ना पापा,
हम हवाई जहाज पर चढ़
पतंग लूटेंगे।
सचमुच,
लड़की पतंग लूटना चाहती है
वह भी
दौडऩा चाहती है
गलियों में उन्मुक्त।
अब मर्जी तुम्हारी।