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लाईआ ते तोड़ निभावीं / पंजाबी

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लाईआ ते तोड़ निभावीं चन्न वे
छड के न जावीं वे बीबा छड के न जांवीं

माही साहुकारा वे कुड़ी आं गरीबां दी
तेरे हथ डोर चन्ना मेरेआं नसीबाँ दी

ऐस ताज महल उत्ते एहो सोहं पाई ए
जिंदगी चलाई ए तेरे नाल लाई ए

किसे किसे वेले चन्ना जान मेरी डरदी वे
सुनया ऐ लगी होई तोड़ नइयों चड़दी