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विजेता की हँसी / मदन कश्यप
Kavita Kosh से
विजेता हंस रहा है
बिल्कुल अपने पूर्वाधिकारी जैसी हंसी
ऐसे ही हंसते रहे होंगे
इतिहास के तमाम विजेता
ऐसे ही हंसे होंगे
एशिया की महान नगर सभ्यता में
काठ के घोड़े में छुपकर घुस आए
बर्बर यूनानी योद्धा
ऐसे ही हंसा होगा
बेबीलोन के तख्त पर बैठकर सिकंदर
ऐसा पहली बार तो हुआ नहीं
कि असभ्य निर्दयी लुटेरे
महान विजेता कहला रहे हैं
पहली बार तो नहीं
बेचैन हुई है सभ्यता
आहत हुई है संस्कृति
पहली बार तो नहीं
इतिहास से खेल रहे हैं
हथियारों से खेलने वाले!