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विवाह गीत / 2 / भील

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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रात मा बुले।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रात मा बुले।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, फुइ करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, फुइ करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रात मा बुले।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, फुवो करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, फुवो करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रावला मा बुले॥
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, मामा करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, मामा करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रावला मा बुले॥
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, मामी करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, मामी करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रावला मा बुले॥
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, बईं करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, बईं करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रावला मा बुले॥
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, बणवि करतेक आवे।
महेल चढ़ि वो बेनु वाटे जोवेरे, बणवि करतेक आवे।
काली चिड़ि वो देव चिड़ि, रावला मा बुले॥

- लड़की के ब्याह में महिलाएँ काली चिड़िया को सम्बोधित करते हुए गीत में कह रही हैं कि- हे काली चिड़िया! तू देव चिड़िया है और रावले में बोल रही है। महल पर चढ़कर बनी रास्ता देख रही है और चिड़िया से पूछती है कि मेरी बुआ कितनी दूरी पर आ रही है। इसी प्रकार आगे फूफा, बहन-बहनोई, मामा-मामी का नाम लेकर गीत को गाया जाता है। मेहमानों के आने की प्रतीक्षा बनी कर रही है।