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विवाह गीत / 9 / भील
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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
वधू पक्ष- तारा माटीनो मांडवो वो, मांडवे आइ बठि।
तारा लाडा नो मांडवो वो, मांडवे आइ बठि।
तारा ढुकण्यानो मांडवो वो, मांडवे आइ बठि।
वर पक्ष से- हामु रूप्या भर्याने, हामु मांडवे आइ।
हामु हजार भर्याने, हामु मांडवे आइ।
वधू पक्ष- तारा माटीनो मांडवो, मांडवे आइ बठि।
वर पक्ष- तारा माटी ना रूप्यावो, रूप्या खाइ बठि।
तारा लाडाना रूप्यावो, रूप्या खाइ बठि।
-वधू पक्ष की महिलाएँ गीत में कहती हैं कि तेरे खसम का मंडप है जो आकर
बैठ गई? वर पक्ष से उत्तर दिया गया है कि हमने रुपये दिये हैं इसलिए मंडप
में आई हैं, हमने हजार रुपये दिये और मंडप में आये हैं।