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नया पृष्ठ: <poem> '''करोगी तुम प्यार''' पेड़ पौधों से करोगी तुम प्यार वे विफल कर दें…
<poem> '''करोगी तुम प्यार'''
पेड़ पौधों से
करोगी तुम प्यार
वे विफल कर देंगे
प्रदूषण का षडयन्त्र
घर से
करोगी तुम प्यार
भूल कर अपने सारे दुःख
खुशहाल हो जाएगा घर
बच्चों से
करोगी तुम प्यार
वे भविष्य की भयावहता से
घबराएंगे नहीं
समन्दर से
करोगी तुम प्यार
मीठा लगने लगेगा उसका पानी
मुझसे
करोगी तुम प्यार
मैं फैलकर व्योम हो जाऊँगा ।
</poem>
पेड़ पौधों से
करोगी तुम प्यार
वे विफल कर देंगे
प्रदूषण का षडयन्त्र
घर से
करोगी तुम प्यार
भूल कर अपने सारे दुःख
खुशहाल हो जाएगा घर
बच्चों से
करोगी तुम प्यार
वे भविष्य की भयावहता से
घबराएंगे नहीं
समन्दर से
करोगी तुम प्यार
मीठा लगने लगेगा उसका पानी
मुझसे
करोगी तुम प्यार
मैं फैलकर व्योम हो जाऊँगा ।
</poem>