भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पश्चिम के गालों पर लाली दौड़ गई
चित्रकार सूरज अब शयनागार चला
जाते जाते श्रंगों शृंगों को दे दिए मुकुट
चंचल लहरों के मुख पर सिंदूर मला
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits