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Kavita Kosh से
लगाया उसने, माथे पर
और दूर रहीं सारी विपदाएँ
मैंने जाना, ईश्वर माँ है भाई से भी पहलेवह आ खड़ा हुआ, मेरे पीछेलड़ाई के निर्णायक क्षणों मेंमैंने जाना, ईश्वर क नाम दोस्त है....।
जबकि बीमार था मैं