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|संग्रह=राम जी भला करें / अनिल जनविजय
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जाओ-जाओ
 
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
 
जाते-जाते
 
अपने साथ ले जाओ तुम
 
युद्ध और
 
क्रुद्ध इस दुनिया के आवेश
 
दुनिया के देशों को बाँटे जो
 
हथियारों के जखीरे का
 
वह भयानक परिवेश
 
जाओ-जाओ
 
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
 
जाते-जाते
 
अपने साथ ले जाओ तुम
 
भूख, गरीबी, अभाव, यंत्रणा
 
और जीवन के सब अपमान
 
आतंक, शोषण, भय, प्रताड़ना
 
और जीवन के दुख तमाम
 
जाओ-जाओ
 
बीसवीं सदी जाओ-जाओ
 
(रचनाकाल : 1999)
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