भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेश जोशी
|संग्रह=मिट्टी का चेहरा / राजेश जोशी
}}
जो छोड़कर गए थे<br>
सब लौट आये, सब लौट आयेंगे एक दिन।<br>