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गर्मी के फल / त्रिलोचन
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20:32, 25 मार्च 2011
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिलोचन
}}{{KKAnthologyGarmi}}
{{KKCatKavita
}}<poem>काली घटा गगन में छाई मंद हुआ भूतल पर ताप
रिमझिम रिमझिम पानी बरसा इधर उधर है उस की छाप॥
Pratishtha
KKSahayogi,
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