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[[Category:ग़ज़ल]]
'''लेखन वर्ष: २००६-२००७ /२०११'''
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दूदे-तन्हाई <ref>तन्हाई का धुँधलका (haze of solitude)</ref> के उस पार क्या हैवह वो ख़ुद है या उसके हुस्न की ज़या <ref>रोशनी (light)</ref> है
बेवजह किसी की याद यूँ सताती नहींमेरे दिल ने तुझको तुझे ही पसन्द किया है
फ़ैज़ <ref>फ़ायदा (profit)</ref> क्या सोचें राहे-मोहब्बत मेंक़ैस <ref>मजनूँ का वास्तविक नाम</ref> न हो हर आशिक़ इतनी दुआ है
सहाब <ref> बादल (cloud)</ref> बरसें हैं एक मुद्दत के बादयह ये मेरा नसीब है या उसकी वफ़ा है
हिचकियाँ आये हुए मुझको मुझे बरस हुएक्या तुमने कभी मुझे मुझको याद किया है
तेरे जाने के बाद दिल में कुछ न रहा
वह ढूँढ़ते हैं जो मुझमें बस बाक़ी दिल पे तेरा नक्शे-पा <ref>पैरों के चिह्न (footprint)</ref> है
अब सबा हर<ref>सुबह की हवा (breeze)</ref> चार-सू चुपचाप बहती हैउसकी ये ख़ामोशी यह कहती है तू ख़फ़ा है
ख़ुश रहो कि हम जाते हैं तेरी दुनिया सेकि ग़ैर से निबाह में अब तेरी दुनिया है
‘नज़र’ जो कहता था ‘नज़र’ इश्क़ से बचनाइक बला हैवह वो ख़ुद ही भी आज उसमें इसी में मुब्तिला <ref>फँसा हुआ, जकड़ा हुआ (embroiled)</ref> है
'''शब्दार्थ:''दूदे-तन्हाई = तन्हाई का धुँधलका (haze of solitude), ज़या = रोशनी (light), फ़ैज़ = फ़ायदा (profit),''क़ैस = मजनूँ का वास्तविक नाम, सहाब = बादल (cloud), नक्शे-पा = क़दमों के निशान (footprint),''सबा = सुबह की हवा, मुब्तिला = फँसा हुआ, जकड़ा हुआ (embroiled){{KKMeaning}}
</poem>