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'''लेखन वर्ष: 2005२००५/२०११'''
मैंने दुआ की ख़ुदा ने क़ुबूल की तुम ज़िन्दगी बन गये
तुम धड़कनों को महकाकर मेरे सादे ख़्वाब रंग गये
मैं तुम्हारे बारे में दिन-दिनभर भर बैठकर सोचता थातुमने मुझसे बात की मेरे सभी दर्द बर्फ़ बन गये
तेरी सूरत भी ख़ूब है और तेरी सीरत भी ख़ूब हैतुम अपनी प्यारी बातों से मेरे भी लफ़्ज़ अल्फ़ाज़ रंग गये
तेरी हुस्ने-सादगी ने मुझे अपना दीवाना ही कर लियाऔर तुम बेक़रार दिल का राहतो-आराम बन गये
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