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नया पृष्ठ: <poem> ईश्वर मेरे दोस्त मेरे पास आ ! यहाँ बैठ बीड़ी पिलाऊँगा चाय पीत…
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ईश्वर
मेरे दोस्त
मेरे पास आ !
यहाँ बैठ
बीड़ी पिलाऊँगा
चाय पीते हैं
इतने दिन हो गए
आज तुम्हारी गोद में सोऊँगा
तुम मुझे परियों की कहानी सुनाना
फिर न जाने कब फुर्सत होगी !
1992
</poem>
ईश्वर
मेरे दोस्त
मेरे पास आ !
यहाँ बैठ
बीड़ी पिलाऊँगा
चाय पीते हैं
इतने दिन हो गए
आज तुम्हारी गोद में सोऊँगा
तुम मुझे परियों की कहानी सुनाना
फिर न जाने कब फुर्सत होगी !
1992
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