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गर्मियाँ / संतोष अलेक्स
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16:04, 20 अप्रैल 2011
खेतों में, अहातों में
खेलता फिरा
तालाब में डुबकियाँ
लगाईँ
लगाईं
जामुन और इमली के पेडों पर चढ़ा
इस तरह बीत गए कितने ही दिन
अनिल जनविजय
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